Saturday, August 28, 2010

क्या अपराधी चलाएंगे छात्रसंघ: जितेंद्र चौधरी

डूसू चुनाव में एबीवीपी से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जितेंद्र चौधरी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वो एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा जबकि उनके खिलाफ कई संगीन आपराधिक मामलों में एफआईआर दर्ज है. उन्होने कहा कि क्या अब अपराधी छात्रसंघ का चुनाव लड़ेंगे और छात्रसंघ चलाएंगे?

   गौरतलब है कि एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार पर 2009 में ही आईपीसी की धारा 323/452/427/506 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. इसका मतलब है कि उन पर किसी दूसरे के घर में घुसकर हाथापाई करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है लेकिन एनएसयूआई ने उन्हें डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है.
  एबीवीपी ने इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने भी उठाया. एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी जितेंद्र चौधरी ने प्रशासन को पत्र को लिखकर अपील की है एनएसयूआई के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो. लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनएसयूआई के उम्मीदवार से कोई सफाई तक नहीं मांगी है.
  जितेंद्र चौधरी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन मामलों को दबाने की कोशिश कर रहा है. उनका कहना था कि इस तरह विश्वविद्यालय प्रशासन लिंगदोह की सिफारिशों की धज्जियां उड़ा रहा है.
  गौरतलब है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त लिंगदोह की सिफारिशों में ये कहा गया है कि कोई भी छात्र जिस पर आपराधिक मामला चल रहा है वो चुनाव नहीं लड़ सकता.
नीतू डबास और जितेंद्र चौधरी ने शानिवार को भगत सिंह, सीवीएस, अरविंदो, दयाल सिंह कॉलेज और पीजीडीएवी कॉलेज के छात्रों के बीच सघन संपर्क अभियान किया और एबीवीपी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की. शनिवार की शाम नीतू डबास और जितेंद्र चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ जुबली हॉस्टल, ग्वायर हॉस्टल गए और समर्थन की अपील की.
उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार प्रिया डबास ने संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार सौरभ उनियाल के साथ रामलाल आनंद, मोतीलाल वेंकटेश्वर और एआरएसडी कॉलेज में प्रचार किया. इन दोनों उम्मीदवारों ने शाम को इंटरनेशनल हॉस्टल और मानसरोवर छात्रावास के साथ खाना खाया और एबीवीपी के पैनल को जिताने की अपील की. 

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